मंदिर का इतिहास
कहा जाता है कि फाँसी के समय कई बार फंदा टूट गया, इसे देवी की कृपा माना गया। उसी के बाद मंदिर और तरकुल वृक्ष की महिमा और भी बढ़ गई।
और जानेंसेवाएँ
तरकुलहा देवी मंदिर के विकास और भक्तों की आस्था को और सशक्त करने हेतु दान की परंपरा प्रचलित है।
स्वयंसेवक
तरकुलहा देवी मंदिर के स्वयंसेवक समाजसेवा, भक्तों की सहायता और धार्मिक आयोजनों में सक्रिय भूमिका निभाते हैं।
मंदिर सदस्य
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