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तरकुलहा देवी मंदिर, गोरखपुर

तरकुलहा देवी मंदिर एक प्राचीन हिंदू मंदिर है, जो गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में स्थित है। यह मंदिर देवी दुर्गा के रूप तरकुलहा देवी को समर्पित है। “तरकुलहा” नाम ताड़ (तरकुल) वृक्ष से लिया गया है, जो इस स्थान पर प्राचीन समय में बहुतायत में पाए जाते थे। यह मंदिर सिर्फ धार्मिक आस्था का केंद्र ही नहीं, बल्कि ऐतिहासिक महत्व भी रखता है।

इतिहास

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बंधु सिंह का इस मंदिर से विशेष संबंध था। वे तरकुलहा देवी को अपनी इष्ट देवी मानते थे और हर युद्ध से पहले देवी से आशीर्वाद लेते थे। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने बलि परंपरा के अंतर्गत ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ छापामार युद्ध की रणनीति यहीं बनाई थी।
12 अगस्त 1857 को जब बंधु सिंह ने अपना बलिदान दिया, तब से यह मंदिर और भी पवित्र माना जाने लगा और हजारों श्रद्धालु यहाँ दर्शन के लिए आने लगे।

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अनुष्ठान और परंपराएँ

इस मंदिर में आज भी पशुबलि की परंपरा कायम है। विशेषकर नवरात्रि में बड़ी संख्या में बकरों की बलि दी जाती है और उनका मांस प्रसाद स्वरूप भक्तों में वितरित होता है। जो श्रद्धालु बलि नहीं देते, वे नारियल चढ़ाते हैं। मंदिर में मुंडन संस्कार और जनेऊ संस्कार जैसे धार्मिक कार्यक्रम भी होते हैं।


चैत्र राम नवमी और मेला

हर साल चैत्र राम नवमी के अवसर पर यहाँ भव्य मेला आयोजित होता है। इस मेले में न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि बिहार और नेपाल से भी लाखों श्रद्धालु आते हैं। लोग देवी का आशीर्वाद लेने के साथ-साथ यहाँ आयोजित धार्मिक अनुष्ठानों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।

स्थान और पहुँच

  • मंदिर गोरखपुर जिला मुख्यालय से लगभग 22 किलोमीटर दूर है।
  • चौरी चौरा से इसकी दूरी करीब 5 किलोमीटर है।
  • मुख्य सड़क से मंदिर तक पहुँचने के लिए 1.5 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है।
  • रिक्शा और निजी वाहन से आसानी से यहाँ पहुँचा जा सकता है।
By Local Devotees

तरकुलहा देवी मंदिर सिर्फ पूजा-अर्चना का स्थल नहीं बल्कि आस्था, बलिदान और स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरणा का प्रतीक है। यहाँ हर भक्त अपने मनोकामना पूर्ण करने की प्रार्थना करता है।

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2019 में उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगभग 2.14 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की मंजूरी दी और मंदिर परिसर को भक्तों के लिए और भी सुविधाजनक बनाया गया।

आज तरकुलहा देवी मंदिर गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यहाँ आने वाले श्रद्धालु देवी की शक्ति और बलिदान की परंपरा को महसूस करते हैं। यह मंदिर भक्ति, आस्था और इतिहास का अद्भुत संगम है।

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Aman Chaursiya

गोरखपुर निवासी और धार्मिक पर्यटन पर शोधकर्ता। मेरी कोशिश है कि स्थानीय मंदिरों और धार्मिक स्थलों की ऐतिहासिक व सांस्कृतिक जानकारी सभी तक पहुँचे।

03 Comments
  • comment author
    Rahul Sharma
    August 20 2025

    बहुत सुंदर और जानकारीपूर्ण लेख। मंदिर की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि जानकर अच्छा लगा।

    Reply
  • comment author
    Priya Verma
    August 28 2025

    नवरात्रि के समय मंदिर का माहौल अद्भुत होता है। यह आस्था का केंद्र है।

    Reply
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